72 Part
52 times read
0 Liked
हर जलवे से एक दरस-ए-नुमू लेता हूँ / फ़िराक़ गोरखपुरी हर जलवे से एक दरस-ए-नुमू लेता हूँ लबरेज़ कई जाम-ओ-सुबू लेता पड़ती है जब आँख तुझपे ऐ जान-ए-बहार संगीत की सरहदों ...